पहले तो डाल से टूट कर खुश हुआ पत्ता
हवा में कुछ दूर उड़ा फिर गिर पड़ा पत्ता
रोता है अपनी बदनसीबी पे जार -जार
जड़ से अपनी उखड कर सूख गया पत्ता
मुकेश इलाहाबादी -----------------------
हवा में कुछ दूर उड़ा फिर गिर पड़ा पत्ता
रोता है अपनी बदनसीबी पे जार -जार
जड़ से अपनी उखड कर सूख गया पत्ता
मुकेश इलाहाबादी -----------------------
No comments:
Post a Comment