सुना था, दिन के बाद रात होती है
हिज़्र के बाद मुलाक़ात होती है
मुझे ऐसी ज़िंदगी दी, मेरे मौला ने
न ये बात होती है न वो बात होती है
मुकेश इलाहाबादी -------------------
हिज़्र के बाद मुलाक़ात होती है
मुझे ऐसी ज़िंदगी दी, मेरे मौला ने
न ये बात होती है न वो बात होती है
मुकेश इलाहाबादी -------------------
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