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Friday, 10 July 2015

ज़ह्र के सिवा मैंने पिया क्या है ?

ज़ह्र के सिवा मैंने पिया क्या है ?
दर्द के सिवा तूने दिया क्या है ?

सिवा चंद लम्हों की मुलाक़ात, 
बता मैंने तुझसे लिया क्या है ?

उम्र भर की दे गया सज़ा,बता, 
ईश्क के सिवा किया क्या है ?

मुकेश इलाहाबादी --------------

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