अंधेरी यादों में चमके हैं
तेरी यादें चाँद सितारे हैं
तेरी बातों की खुशबू से
जीवन बगिया महके है
लम्बी उदास रातों में
तेरे बारे में ही सोचे हैं
तू मिसाल ऐ ख़ूबसूरती
ये फ़रिश्ते भी कहते हैं
जहां भी जाता हूँ, हम
तेरे ही किस्से सुनते हैं
मुकेश इलाहाबादी ----
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