तुझसे नाता तोड़ लिया
ग़म से रिश्ता जोड़ लिया
तेरे घर की जानिब से
आना -जाना छोड़ दिया
ख़ाबों की दुनिया से मैंने
मुँह अपना है मोड़ लिया
मुकेश इलाहाबादी -----
ग़म से रिश्ता जोड़ लिया
तेरे घर की जानिब से
आना -जाना छोड़ दिया
ख़ाबों की दुनिया से मैंने
मुँह अपना है मोड़ लिया
मुकेश इलाहाबादी -----
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