सच बोलना आदत है
खुद्दारी मेरी ताकत है
है ईश्क मेरा ईमान
मेहनत ही इबादत है
घर हो या फिर बाहर
हर और सियासत है
गूँगों का शहर है और
बहरों के अदालत है
ढूंढता हूँ बस्ती बस्ती
बची कहाँ शराफत है
मुकेश इलाहाबादी -----
खुद्दारी मेरी ताकत है
है ईश्क मेरा ईमान
मेहनत ही इबादत है
घर हो या फिर बाहर
हर और सियासत है
गूँगों का शहर है और
बहरों के अदालत है
ढूंढता हूँ बस्ती बस्ती
बची कहाँ शराफत है
मुकेश इलाहाबादी -----
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