आ पलकों पे सजा लूँ तुझे
फिर सीने से लगा लूँ तुझे
यूँ उदास - उदास न रह तू
आ मै फिर से हंसा दूँ तुझे
फलक से हो के आया हूँ मै
चाँद -तारों से सजा दूँ तुझे
जिस ग़ज़ल में हो तू ही तू
आ ऐसी ग़ज़ल सुना दूँ तुझे
गर तू राज़ी हो जाए मुकेश
सच मै अपना बना लूँ तुझे
मुकेश इलाहाबादी -------
फिर सीने से लगा लूँ तुझे
यूँ उदास - उदास न रह तू
आ मै फिर से हंसा दूँ तुझे
फलक से हो के आया हूँ मै
चाँद -तारों से सजा दूँ तुझे
जिस ग़ज़ल में हो तू ही तू
आ ऐसी ग़ज़ल सुना दूँ तुझे
गर तू राज़ी हो जाए मुकेश
सच मै अपना बना लूँ तुझे
मुकेश इलाहाबादी -------
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