एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Tuesday, 23 February 2016
वो तो खारा बहुत समंदर निकला
वो तो खारा बहुत समंदर निकला
जिस्म मोम दिल पत्थर निकला
जिसको समझा, अपना सबकुछ
दुश्मन से भी वो बदतर निकला
सोना खरा मान रहे थे जिसको हम
खोटे सिक्के से भी कमतर निकला
मुकेश इलाहबदी ---------------------
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