एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Wednesday, 3 February 2016
वक़्त उड़ रहा है
वक़्त
उड़ रहा है
फर फर फर
बिन परों के
हम वही गड़े हैं
मील के पत्थर सा
उड़ने की चाह में
मुकेश इलाहबदी -----
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