कोई
छुट्टी नहीं होती
कोई इतवार नहीं होता
तुम्हरी यादों का
कोई नागा नहीं होता
और, मैं भी तो
बिना थके
बिना रुके
बिना झुंझलाए
रहता हूँ
तुम्हरी यादों के संग
सुमी,,
मुकेश इलाहाबादी ----
छुट्टी नहीं होती
कोई इतवार नहीं होता
तुम्हरी यादों का
कोई नागा नहीं होता
और, मैं भी तो
बिना थके
बिना रुके
बिना झुंझलाए
रहता हूँ
तुम्हरी यादों के संग
सुमी,,
मुकेश इलाहाबादी ----
No comments:
Post a Comment