एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Saturday, 3 September 2016
अब तो, तुम्ही से रौशन हैं मेरे रातो दिन
अब तो, तुम्ही से रौशन हैं मेरे रातो दिन
ये चाँद और सितारे मेरे किसी काम के नहीं
मुकेश इलाहाबादी -----------------------
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