दिन में तेरी यादों का उजाला रहता है
शब् भर तेरे ख्वाबों के चांदनी होती है
तू ही तो मेरा चाँद और सूरज तो नहीं ?
मुकेश इलाहाबादी ----------------------
शब् भर तेरे ख्वाबों के चांदनी होती है
तू ही तो मेरा चाँद और सूरज तो नहीं ?
मुकेश इलाहाबादी ----------------------
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