अक्सर
ऐसा क्यूँ होता है ?
भीड़ में कोई इक चेहरा
अच्छा लगता है, और
जी भर के देख पायें इसके पहले ही
भीड़ में ही गुम हो जाता है ,
अक्सर, ऐसा क्यूँ होता है?
कोई दिल से अच्छा लगता है
मिलने - बतियाने को जी करता है
और वो ही ,,
मिलते - मिलते रह जाता है
जैसे - होठों तक कोई प्याला आते आते रह जाता है
पर, क्यूँ ? क्यूँ ?क
ऐसा क्यूँ अक्सर होता है?
कोई ख़्वाब हकीकत होते होते रह जाता है ???
मुकेश इलाहाबादी ------------
ऐसा क्यूँ होता है ?
भीड़ में कोई इक चेहरा
अच्छा लगता है, और
जी भर के देख पायें इसके पहले ही
भीड़ में ही गुम हो जाता है ,
अक्सर, ऐसा क्यूँ होता है?
कोई दिल से अच्छा लगता है
मिलने - बतियाने को जी करता है
और वो ही ,,
मिलते - मिलते रह जाता है
जैसे - होठों तक कोई प्याला आते आते रह जाता है
पर, क्यूँ ? क्यूँ ?क
ऐसा क्यूँ अक्सर होता है?
कोई ख़्वाब हकीकत होते होते रह जाता है ???
मुकेश इलाहाबादी ------------
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