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Saturday, 7 January 2017

कि ज़िगर चाक हुआ जाता है

कि ज़िगर चाक हुआ जाता है
जिस्म भी ख़ाक हुआ जाता है

दुनिया के लिए जल - जल के
आफ़ताब ख़ाक हुआ जाता है

गांव हो शहर हो कि बस्ती हो
घर - घर बाजार हुआ जाता है

मुकेश ज़माने की हवा ऐसी कि
बच्चा भी चालक हुआ जाता है

मुकेश इलाहाबादी -------------

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