तेरी आँखों में सपना देखूँ
ख्वाब इक सुनहरा देखूँ
लम्बी काली रातों के बाद
सूरज एक चमकता देखूँ
एहसासों के दरिया में मै
सपना एक लरज़ता देखूँ
दिल मेरा बर्फ का दरिया
रातों दिन सुलगता देखूँ
है महुए जैसा तेरा यौवन
तुझमे मै मधुशाला देखूँ
मुकेश इलाहाबादी ------
ख्वाब इक सुनहरा देखूँ
लम्बी काली रातों के बाद
सूरज एक चमकता देखूँ
एहसासों के दरिया में मै
सपना एक लरज़ता देखूँ
दिल मेरा बर्फ का दरिया
रातों दिन सुलगता देखूँ
है महुए जैसा तेरा यौवन
तुझमे मै मधुशाला देखूँ
मुकेश इलाहाबादी ------
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