क्यूँ ,
सब कुछ
अनावृत कर देती हो
मेरे समक्ष
फिर क्यूँ
छुपाए रखती हो ?
मुझसे अपने दुखः
अपनी तकलीफ
अपने घाव
अपना पहला प्यार
मुकेश इलाहाबादी -----
सब कुछ
अनावृत कर देती हो
मेरे समक्ष
फिर क्यूँ
छुपाए रखती हो ?
मुझसे अपने दुखः
अपनी तकलीफ
अपने घाव
अपना पहला प्यार
मुकेश इलाहाबादी -----
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