एक
ही नासिका के
दो स्वर हैं
तुम चंद स्वर
मै सूर्य स्वर
एक ही
जिस्म के
दो हिस्से हैं
तुम बायाँ
और मै दाँया
मुकेश इलाहाबादी ---
ही नासिका के
दो स्वर हैं
तुम चंद स्वर
मै सूर्य स्वर
एक ही
जिस्म के
दो हिस्से हैं
तुम बायाँ
और मै दाँया
मुकेश इलाहाबादी ---
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