रोशनी के लिए चाँद है सितारे हैं
फूलों की छत खुशबू की दीवारे हैं
सोने चांदी का इक बाग़ सुनहरा
बाहों की सेज़ वफ़ा की मीनारे हैं
तुमको खुशनुमा मौसम मिलेगा
मेरा घर ईश्क़ की नदी,किनारे है
अब तू ही मेरा दरिया तू ही नाव
मेरा जीवन अब तेरे ही सहारे है
मुकेश इलाहाबादी --------------
फूलों की छत खुशबू की दीवारे हैं
सोने चांदी का इक बाग़ सुनहरा
बाहों की सेज़ वफ़ा की मीनारे हैं
तुमको खुशनुमा मौसम मिलेगा
मेरा घर ईश्क़ की नदी,किनारे है
अब तू ही मेरा दरिया तू ही नाव
मेरा जीवन अब तेरे ही सहारे है
मुकेश इलाहाबादी --------------
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