पत्थर हो तो क्या पिघल जाओगे
मुझसे मिलोगे तो बदल जाओगे
तू मान ले बात, थाम ले मेरा हाथ
फिसल रहे होंगे तो संभल जाओगे
ज़ख्मो को देखने की ज़िद न करो
मेरे ज़ख्म देखोगे तो दहल जाओगे
जानता हूँ तुझे दिल्लगी पसंद नहीं
देखोगे मेरा दिल तो मचल जाओगे
मुकेश इलाहाबादी -----------------
मुझसे मिलोगे तो बदल जाओगे
तू मान ले बात, थाम ले मेरा हाथ
फिसल रहे होंगे तो संभल जाओगे
ज़ख्मो को देखने की ज़िद न करो
मेरे ज़ख्म देखोगे तो दहल जाओगे
जानता हूँ तुझे दिल्लगी पसंद नहीं
देखोगे मेरा दिल तो मचल जाओगे
मुकेश इलाहाबादी -----------------
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