Pages

Thursday, 8 June 2017

चाँद झील में उतरा

रात
चाँद झील में उतरा
झील थोड़ा
कुनमुनाई
करवट ली
फिर हौले से
चाँद को अपनी बाँहों में
ले सो गयी सुबह तक के  लिए

सूरज उगते ही
चाँद फिर आसमान में जा टंगा
झील उसे देख
मुसकराती हुई बहने लगी हौले हौले

मुकेश इलाहाबादी -----------

No comments:

Post a Comment