बड़े
और बहुत बड़े
आसमान से
एक थोड़ा पर काफी बड़ा सा आसमान
ले आया हूँ
जिसे तुम्हारी पलकों पे रख देना चाहता हूँ
रातरानी
की ढेर सारी खुशबू से
थोड़ी सी पर
थोड़ी से कुछ ज़्यादा खुशबू मांग लाया हूँ
जिसे तुम्हारी पलकों पे रख देना चाहता हूँ
तितली
से मांग लाया हूँ दो पर
जिन्हे सजा देना चाहता हूँ तुम्हारी बाँहों पे
ताकि तुम देख सको
थोड़े से महकते सपने और
उड़ कर आ सको मेरे पास सपनो में ही सही
मुकेश इलाहाबादी -----------------
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