इक
लम्बी अंधेरी रात के बाद
कई
सौ सूरज
कई हज़ार चाँद उग आये हैं
हमारे दिन
और हमारी रातों में
(तुम्हारे आने के बाद से )
मुकेश इलाहाबादी --
लम्बी अंधेरी रात के बाद
कई
सौ सूरज
कई हज़ार चाँद उग आये हैं
हमारे दिन
और हमारी रातों में
(तुम्हारे आने के बाद से )
मुकेश इलाहाबादी --
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