न बिखरने देता है,न संवरने देता है
न मिलता है न ही बिछड़ने देता है
कभी पानी में रखता है कभी बाहर
न मरने देता है, न तड़पने देता है
हवा का झोंका आ के उड़ा ले जाए
न गरजने देता है न बरसने देता है
मुकेश इलाहाबादी -----------------
न मिलता है न ही बिछड़ने देता है
कभी पानी में रखता है कभी बाहर
न मरने देता है, न तड़पने देता है
हवा का झोंका आ के उड़ा ले जाए
न गरजने देता है न बरसने देता है
मुकेश इलाहाबादी -----------------
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