तेरे ख्वाबों में उड़ रहा हूँ मै
रूई का बादल हो गया हूँ मै
आँचल का नीला आसमान
चाँद - सितारा हो रहा हूँ मैं
लोग खेलते हैं तोड़ देते हैं
इक खिलौना बन गया हूँ मै
क्यूँ ढूंढते हो इधर - उधर ?
तेरे दिल में हीतो बसा हूँ मै
मुकेश इतना डसा गया हूँ
ज़हर मोहरा हो गया हूँ मै
मुकेश इलाहबादी ----------
रूई का बादल हो गया हूँ मै
आँचल का नीला आसमान
चाँद - सितारा हो रहा हूँ मैं
लोग खेलते हैं तोड़ देते हैं
इक खिलौना बन गया हूँ मै
क्यूँ ढूंढते हो इधर - उधर ?
तेरे दिल में हीतो बसा हूँ मै
मुकेश इतना डसा गया हूँ
ज़हर मोहरा हो गया हूँ मै
मुकेश इलाहबादी ----------
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