इक
बार मेरी आँखों के
आईने से ख़ुद को देखना
तुम
ख़ुद ब ख़ुद
अपनी मुहब्बत में
गिरफ्तार न हो जाओ तो कहना
मुकेश इलाहाबादी ------------
बार मेरी आँखों के
आईने से ख़ुद को देखना
तुम
ख़ुद ब ख़ुद
अपनी मुहब्बत में
गिरफ्तार न हो जाओ तो कहना
मुकेश इलाहाबादी ------------
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