Pages

Monday, 7 August 2017

जितनी बार कसौटी पे कसा गया


जितनी बार कसौटी पे कसा गया
हर  बार  हमको  खरा पाया  गया

हमने सच की तरफदारी क्या की,
हमी को गुनहगार ठहराया गया  

हमने तो  ईश्क़  बातें की  थी पर  
हमको ही सूली पर चढ़ाया गया

जो  कहा  वो किया की सजा थी
कांटो  की  सेज़ पे  लिटाया गया

जितना, हंसना मुस्कुराना चाहा
हमको उतना ज़्यादा रुलाया गया

मुकेश इलाहाबादी -----------------

No comments:

Post a Comment