चाक पर चढ़ोगे
अपने को गढोगे
है दिल में मैल ?
नज़र से उतरोगे
झूठ के पांव ले,
कब तक चलोगे
मोम न बनो तुम
रोज़ - रोज़ गलोगे
मेरे दोस्त बनोगे,
हरदम खुश रहोगे
मुकेश इलाहाबादी -
अपने को गढोगे
है दिल में मैल ?
नज़र से उतरोगे
झूठ के पांव ले,
कब तक चलोगे
मोम न बनो तुम
रोज़ - रोज़ गलोगे
मेरे दोस्त बनोगे,
हरदम खुश रहोगे
मुकेश इलाहाबादी -
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