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Tuesday, 17 October 2017

दोस्त ! दर्द किसके जिगर में निहां नहीं है ?

दोस्त ! दर्द किसके जिगर में निहां नहीं है ?
कोई बयाँ कर देता है, कोई कहता नहीं है !!

ये अलग बात हमने कभी पलट वार न किया
वरना अपने कानो से क्या क्या सुना नहीं है!!

बेवज़ह मेरा दिले दरवाज़ा खटखटा रहे हो ??
इस बेजान घर में अब कोई रहता नहीं है !!

मुकेश इलाहाबादी -------------------------

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