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Monday, 13 November 2017

तुम्हारे लिए इतनी बेताबी क्यूँ रहती है ?

 तुम्हारे लिए इतनी बेताबी क्यूँ रहती है ?
 तुमसे मिलनी की बेकरारी क्यूँ रहती है ?
 गर तू मेरा कोई नहीं और तू मेरी नहीं,
 फिर एक दूजे को इंतज़ारी क्यूँ रहती है ?
बातें करती हो तो दिल खुश खुश रहता है
मुकेश वर्ना सारे दिन उदासी क्यूँ रहती है?
 
 मुकेश इलाहाबादी --------------------------

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