किसी रोज़ तेरी हँसी चुरा लूँगा
अकेले में बैठ फिर फिर सुनूँगा
भौंरों से कलियों से तितली से
तू है सबसे जुदा सबसे कहूँगा
सारी दौलत लुटा दूंगा, मुकेश,
इक तेरी यादें किसी को न दूँगा
मुकेश इलाहाबादी ------------
अकेले में बैठ फिर फिर सुनूँगा
भौंरों से कलियों से तितली से
तू है सबसे जुदा सबसे कहूँगा
सारी दौलत लुटा दूंगा, मुकेश,
इक तेरी यादें किसी को न दूँगा
मुकेश इलाहाबादी ------------
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