दिल कभी अपना किसी और को न दिया
सिवाय तेरे किसी और से प्यार न किया
बस इक बार मुख़्तसर सी मुलाकत हुई
बाद उसके, कभी उसका दीदार न हुआ
ये और बात ग़ज़ल में कह दिया करता हूँ
मुकेश रू ब रू कभी मैंने इज़हार न किया
मुकेश इलाहाबादी --------------------------
सिवाय तेरे किसी और से प्यार न किया
बस इक बार मुख़्तसर सी मुलाकत हुई
बाद उसके, कभी उसका दीदार न हुआ
ये और बात ग़ज़ल में कह दिया करता हूँ
मुकेश रू ब रू कभी मैंने इज़हार न किया
मुकेश इलाहाबादी --------------------------
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