कहो तो प्यार भीनी- भीनी खुशबू से
मौसम, को गेंदा -गुलाब कर दूँ क्या
मौसम, को गेंदा -गुलाब कर दूँ क्या
ऑ सतरंगी चुनरी से सजे, मेरी चाँद
तेरे आँचल में सितारे भी भर दूँ क्या
तेरे आँचल में सितारे भी भर दूँ क्या
तू ,राधा सी गोरी मै कान्हा सा काला
तुझ संग ज़ीस्त महारास कर दूँ क्या
तुझ संग ज़ीस्त महारास कर दूँ क्या
गोरी तुझको मै बाँहों में भर के, आज
अपनी ये होली यादगार कर दूँ क्या ?
अपनी ये होली यादगार कर दूँ क्या ?
मुकेश इलाहाबादी --------------
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