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Sunday, 1 April 2018

जी तो चाहता है

जी
तो चाहता है
मक्खन के गोले से भी ज़्यादा
मुलायम और सफ़ेद गालों पे
खिलने वाली इस क्यूट
मासूम और नटखट मुस्कान को
अपनी कानी उंगली से छू कर
होंठो से लगा लूँ
और चख लूँ इस ताज़े ताज़े मक्खन का स्वाद

या फिर
तुम्हारे इस गुलू - गुलू गालों को
अपने दोनों हाथों की चुटकी बना कर
जोर से खींचूं और भाग जाऊँ
तुम्हारी पहुंच से बहुत दूर

या कि
ऐसा करूँ
तुम्हारे इस प्यारे से गालों को
अपनी हथेली की अंजुरी में ले कर
कर दूँ किस्सी की बरसात


मुकेश इलाहाबादी --------------------

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