कदम -कदम पे खुशबू कदम-क़दम पे रोशनी है
मेरा महबूब एक साथ चाँद और गुले रातरानी है
होगा वो तुम्हारे लिए होता या होगा वो क़ातिल
मेरे लिए तो साँस दर साँस है मेरी ज़िंदगानी है
मुकेश इलाहाबादी ---------------------------------
मेरा महबूब एक साथ चाँद और गुले रातरानी है
होगा वो तुम्हारे लिए होता या होगा वो क़ातिल
मेरे लिए तो साँस दर साँस है मेरी ज़िंदगानी है
मुकेश इलाहाबादी ---------------------------------
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