हादसा,
मेरे साथ अक्सर ये होता है
हँसते-हँसते दिल मेरा उदास होता है
चलते - चलते
कई बार मै,
बहुत दूर निकल जाता हूँ
फिर भी जाने क्यूँ,
ये दिल तुम्हारे आस - पास होता है ?
यूँ तो ,
मेरी ज़िंदगी में कुछ ऐसा नहीं
जिसे तफ्सील दिया जाये,
हाँ ! जब तुम मेरे साथ होती हो
सिर्फ वो लम्हा खास होता है ।
लोग कहते हैं,
तुम्हारी कहानी के पात्र बड़े अजीब होते हैं,
अब , ज़माने वालों को क्या बताऊँ
उन पात्रों में मेरा ही किरदार छुपा होता है।
मुकेश इलाहाबादी ----------------------
मेरे साथ अक्सर ये होता है
हँसते-हँसते दिल मेरा उदास होता है
चलते - चलते
कई बार मै,
बहुत दूर निकल जाता हूँ
फिर भी जाने क्यूँ,
ये दिल तुम्हारे आस - पास होता है ?
यूँ तो ,
मेरी ज़िंदगी में कुछ ऐसा नहीं
जिसे तफ्सील दिया जाये,
हाँ ! जब तुम मेरे साथ होती हो
सिर्फ वो लम्हा खास होता है ।
लोग कहते हैं,
तुम्हारी कहानी के पात्र बड़े अजीब होते हैं,
अब , ज़माने वालों को क्या बताऊँ
उन पात्रों में मेरा ही किरदार छुपा होता है।
मुकेश इलाहाबादी ----------------------
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