एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Friday, 24 August 2018
मीठे पानी का झरना है कैसे बहता देखूं तो
मीठे पानी का झरना है कैसे बहता देखूं तो
कभी हमसे मिलो तुझे हँसता हुआ देखूं तो
आ मेरे पहलू में कुछ देर बैठ और मुस्करा
खुशियों के फूलों को खिलता हुआ देखूं तो
मुकेश इलाहाबादी -------------------------
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