मान लेता हूँ मै बहुत सच और खरा नहीं
ये भी सच है, इंसान इतना भी बुरा नहीं
यूँ तो, दुश्मनो ने कोई कसर छोड़ी नहीं
फिर भी बेशर्मो सा मै ज़िंदा हूँ मरा नहीं
नक़ाब अपने चेहरे से यूँ ही उठाए रखो
कुछ और देख लूँ तुझे , दिल भरा नहीं
मुकेश इलाहाबादी ------------------------
ये भी सच है, इंसान इतना भी बुरा नहीं
यूँ तो, दुश्मनो ने कोई कसर छोड़ी नहीं
फिर भी बेशर्मो सा मै ज़िंदा हूँ मरा नहीं
नक़ाब अपने चेहरे से यूँ ही उठाए रखो
कुछ और देख लूँ तुझे , दिल भरा नहीं
मुकेश इलाहाबादी ------------------------
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