ये सच है मर नहीं जाऊँगा तुम्हारे बिना
पर मै जी भी नहीं पाऊँगा तुम्हारे बिना
तुम थे तो हँस लेता था खिलखिला लेता
अब मै मुस्कुरा न पाऊँगा, तुम्हारे बिना
यूँ तो मेरे पास कोई और हुनर नहीं है हाँ
ग़ज़लों के गुल खिलाऊँगा तुम्हारे बिना
मुकेश इलाहाबादी ----------------------
पर मै जी भी नहीं पाऊँगा तुम्हारे बिना
तुम थे तो हँस लेता था खिलखिला लेता
अब मै मुस्कुरा न पाऊँगा, तुम्हारे बिना
यूँ तो मेरे पास कोई और हुनर नहीं है हाँ
ग़ज़लों के गुल खिलाऊँगा तुम्हारे बिना
मुकेश इलाहाबादी ----------------------
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