मैंने
कहा - "तुम कौन ???"
उसने कहा " मै वन देवी "
"ओह ! तो मेरे पास आओ न ???"
वो खिलखिलाई
मुस्कुराई
अदा से ज़ुल्फ़ें झटकीं
हथेली की अंजुरी बना के
होठों तक लाई
गुलाबी होठों को गोल गोल किया
फिर - आँखों में कुछ शरारत सी उभरी
और हथेली से मेरी तरफ फूंका
"मै खुशबू की नदी भी हूँ
लो तुम इस नदी डूबो
और मै चली '''"
यह कह वो चल दी
और खो गयी यादों के न जाने किस जंगल में
और ,,
तब से मै ढूंढता हूँ - उस वन देवी को
खुशबू की नदी को
ओ ! मेरी वन देवी तुम
कंहा हो आओ न ,,,,,,
मुकेश इलाहाबादी -----------------
कहा - "तुम कौन ???"
उसने कहा " मै वन देवी "
"ओह ! तो मेरे पास आओ न ???"
वो खिलखिलाई
मुस्कुराई
अदा से ज़ुल्फ़ें झटकीं
हथेली की अंजुरी बना के
होठों तक लाई
गुलाबी होठों को गोल गोल किया
फिर - आँखों में कुछ शरारत सी उभरी
और हथेली से मेरी तरफ फूंका
"मै खुशबू की नदी भी हूँ
लो तुम इस नदी डूबो
और मै चली '''"
यह कह वो चल दी
और खो गयी यादों के न जाने किस जंगल में
और ,,
तब से मै ढूंढता हूँ - उस वन देवी को
खुशबू की नदी को
ओ ! मेरी वन देवी तुम
कंहा हो आओ न ,,,,,,
मुकेश इलाहाबादी -----------------
No comments:
Post a Comment