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Saturday, 27 October 2018

गिर गए हो तो क्या फिर से उठो हुज़ूर

गिर गए हो तो क्या फिर से उठो हुज़ूर
बस किसी की आँखो से न गिरो हुज़ूर

न जाने कौन कब कहां काम मे आए
सब से मुहब्बत से मिला करो हुज़ूर

जिस्‍म तो इक दिन माटी हो जाना है
खूबसूरती पे इतना गुरूर न करो हुज़ूर

हर वक़्त पैसा पैसा भजा करो मगर
दिन मे दो पल राम को भी भजो हुज़ूर

गैरों से तो आप मिलते हो रोज़ रोज़
कभी तो आके हमसे भी मिलो हुज़ूर

मुकेश इलाहाबादी......

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