इतना
आसान नहीं है - पत्थर होना भी
पत्थर होने के लिए
अपने जिस्म को कठोर और
इतना कठोर बनाना पड़ता है
कि धूप , हवा , पानी
और आंधी तूफ़ान भी कुछ न बिगाड़ पाए
सदियों सदियों तक
और खुद को इतना निर्विकार बना ले कि
पैरों तले रौंदा जाए
या देवता बना के पूजा जाए
फिर भी उसकी सेहत पे कोइ फर्क न पड़े
बारूद और हथौड़े से तोड़े जाने पे भी प्रतिवाद न करे
और कभी सड़क तो कभी रोड़ी बन के काम में आये
और चुप रहे
इसी लिए कहता हूँ ,
किसी को पत्थर दिल कहने के पहले - कई बार सोच लेना
कंही तुम - पत्थर की तौहीनी तो नहीं कर रहे हो ??
क्यूँकि पत्थर होना भी इतना आसान नहीं होता
मुकेश इलाहाबादी --------------------------
आसान नहीं है - पत्थर होना भी
पत्थर होने के लिए
अपने जिस्म को कठोर और
इतना कठोर बनाना पड़ता है
कि धूप , हवा , पानी
और आंधी तूफ़ान भी कुछ न बिगाड़ पाए
सदियों सदियों तक
और खुद को इतना निर्विकार बना ले कि
पैरों तले रौंदा जाए
या देवता बना के पूजा जाए
फिर भी उसकी सेहत पे कोइ फर्क न पड़े
बारूद और हथौड़े से तोड़े जाने पे भी प्रतिवाद न करे
और कभी सड़क तो कभी रोड़ी बन के काम में आये
और चुप रहे
इसी लिए कहता हूँ ,
किसी को पत्थर दिल कहने के पहले - कई बार सोच लेना
कंही तुम - पत्थर की तौहीनी तो नहीं कर रहे हो ??
क्यूँकि पत्थर होना भी इतना आसान नहीं होता
मुकेश इलाहाबादी --------------------------
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