स्त्री
होना आसान नहीं है
स्त्री होने के लिए
धरती सा धैर्य
जल सी तरलता
हवा के स्पर्श सी मादकता
आकाश सी विशालता
और अग्नि सा तेज़ चाहि होता है
जिस दिन पुरुष थोड़ा थोड़ा स्त्री होना सीख लेगा
उस दिन धरती नरक नहीं स्वर्ग कहलाएगी
मुकेश इलाहाबादी ------------------
होना आसान नहीं है
स्त्री होने के लिए
धरती सा धैर्य
जल सी तरलता
हवा के स्पर्श सी मादकता
आकाश सी विशालता
और अग्नि सा तेज़ चाहि होता है
जिस दिन पुरुष थोड़ा थोड़ा स्त्री होना सीख लेगा
उस दिन धरती नरक नहीं स्वर्ग कहलाएगी
मुकेश इलाहाबादी ------------------
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