गुज़रते
हुए साल की चादर में
लपेट ली है
दोस्तों का प्यार
अपनों का एहसास
चाहने वालों की बातें
खूबसूरत चेहरे वालों की हंसी
अपनों का गुस्सा और प्यार
कुछ खट्टी - कुछ मीठी यादें तुम्हारा गुस्सा
और
इस असबाब को ले के
क़दम बढ़ा दूंगा
साल 2019 की पायदान पे
फिलहाल - अलविदा 2018
मुकेश इलाहाबादी -------------
हुए साल की चादर में
लपेट ली है
दोस्तों का प्यार
अपनों का एहसास
चाहने वालों की बातें
खूबसूरत चेहरे वालों की हंसी
अपनों का गुस्सा और प्यार
कुछ खट्टी - कुछ मीठी यादें तुम्हारा गुस्सा
और
इस असबाब को ले के
क़दम बढ़ा दूंगा
साल 2019 की पायदान पे
फिलहाल - अलविदा 2018
मुकेश इलाहाबादी -------------
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