Pages

Monday, 14 January 2019

बदस्तूर जारी है, तुम्हारा सताना

बदस्तूर जारी है, तुम्हारा सताना 
रातों दिन का तुम्हारी याद आना 

रोज़ रोज़ मिलने को मेरा कहना 
हर रोज़ का तुम्हारा नया बहाना 

कि तुम्हारे साथ अच्छा लगता है 
या फिर तनहाई में वक़्त बिताना 

मुकेश इलाहाबादी --------------

No comments:

Post a Comment