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Sunday, 13 January 2019

हमसे बेहतर मिल गया होगा

हमसे बेहतर मिल गया होगा 
इसी लिए इग्नोर किया होगा 

आसमाँ से फिर सितारा टूटा 
दिल के अंदर कुछ टूटा होगा 

मेरी ही कोई  कमी रही होगी 
तभी तो वो बेवफा हुआ होगा 

हमको कमतर समझा उसने 
कुछ देखा होगा समझा होगा 

जिस्म पे इत्ते घाव यूँ ही नहीं 
किसी ने तो पत्थर फेंका होगा 

मुकेश इलाहाबादी ------------

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