Pages

Friday, 12 April 2019

मेरे लिए कविता

मेरे
लिए कविता लिखना
महज़ आदत नहीं है
कविता के द्वारा 
तुम्हरी यादों की बेल को
काटता छाँटना और सहेज के
मन के गुलदश्ते में सजाना होता है 

कविता
लिखना मेरे लिए
चारों तरफ फ़ैली रेत् को उलीचना
और उसके नीचे बहते जल को ढूंढना भी है 

कविता लिखना और पढ़ना
मेरे लिए
प्राण वायु को अंदर लेना और बाहर ले जाना भी है
या कह सकते हो
कविता पढ़ना और लिखना
मेरे लिए साहित्यिक प्राणायाम भी है

 मुकेश इलाहाबादी ----------------

No comments:

Post a Comment