बेहद
सर्द हवाएं हैं
मगर, मै जल रहा हूँ
तुम
महसूस कर सकती हो
अपने अदृश्य हाथो को
मेरे माथे पे रख के
इस भयानक
रात में भी
सर्द हवाएं हैं
मगर, मै जल रहा हूँ
तुम
महसूस कर सकती हो
अपने अदृश्य हाथो को
मेरे माथे पे रख के
इस भयानक
रात में भी
मुकेश इलाहाबादी ,,,,
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