अगर
इतिहास की किताबों से
हटा दिए जाएं
व्यक्तियों और स्थानों के नाम
तो शेष रह जाएगा
सत्ता, षड्यंत, संघर्ष
हत्या, बलात्कार
हिंसा, नफरत
सनक और तानाशाही
शायद
ऐसा ही कुछ इतिहास लिख रहे हैं
हम आज भी
अपने आप को सभ्य कहने वाले लोग भी
इतिहास की किताबों से
हटा दिए जाएं
व्यक्तियों और स्थानों के नाम
तो शेष रह जाएगा
सत्ता, षड्यंत, संघर्ष
हत्या, बलात्कार
हिंसा, नफरत
सनक और तानाशाही
शायद
ऐसा ही कुछ इतिहास लिख रहे हैं
हम आज भी
अपने आप को सभ्य कहने वाले लोग भी
मुकेश इलाहाबादी ---------------
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