सिर्फ
बहुत सारी नदियों को
ख़ुद में समाहित कर लेने भर से ही
समंदर नहीं हो जाता कोई
बहुत सारी नदियों को
ख़ुद में समाहित कर लेने भर से ही
समंदर नहीं हो जाता कोई
समंदर
होने के लिए
ख़ुद को खारा होने के लिए
तैयार होना पड़ता है
होने के लिए
ख़ुद को खारा होने के लिए
तैयार होना पड़ता है
समंदर होने के लिए
अपने अंदर सिर्फ हीरे मोती ही नहीं
सीप , घोंघे , शैवालों को भी समोना होता है
अपने अंदर सिर्फ हीरे मोती ही नहीं
सीप , घोंघे , शैवालों को भी समोना होता है
समंदर होने के लिए
अपने अंदर निर्विकार हो के
रंग बिरंगी मछलियां ही नहीं
मगरमच्छों और घड़ियालों को भी
पनाह देना होता है
अपने अंदर निर्विकार हो के
रंग बिरंगी मछलियां ही नहीं
मगरमच्छों और घड़ियालों को भी
पनाह देना होता है
समंदर होने के लिए
कभी बेहद शांत और कभी
तूफानी भी बनना पड़ता है
कभी बेहद शांत और कभी
तूफानी भी बनना पड़ता है
समंदर होने के लिए
अपने से बहुत दूर
बहुत छोटे से चाँद के इशारे पे
अपनी गंभीरता छोड़
चंचल भी होना पड़ता है
अपने से बहुत दूर
बहुत छोटे से चाँद के इशारे पे
अपनी गंभीरता छोड़
चंचल भी होना पड़ता है
समंदर होने के लिए
बहुत बहुत अकेला भी होना होता है
बहुत बहुत अकेला भी होना होता है
समंदर होना भी इतना आसान कहाँ होता है ?
मुकेश इलाहाबादी ------------------
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