सूरज हूँ सांझ समंदर में डूब अँधेरा हो जाऊँगा
देखना एक दिन मै शहर से लापता हो जाऊँगा
तुम्हारा दिल तुम्हारी ज़िंदगी तुम्हारा फैसला
अभी भी तनहा हूँ थोड़ा और तनहा हो जाऊँगा
मिलने का जी चाहेगा तो ढूंढ लेना आसमा में
हजारों तारों में मै भी इक सितारा हो जाऊँगा
मेरी हर साँस में तुम्हारा ही नाम लिक्खा है
मिटा कर हर हरूफ़ खाली पन्ना हो जाऊँगा
अगर रूहानी ईश्क की प्यास रखते हो मुकेश
चले आना तुम्हारे लिए मै झरना हो जाऊँगा
मुकेश इलाहाबादी -------------------------
No comments:
Post a Comment